एक बडे हॉलमें हिप्नोटीझमका शो चल रहा था. शो देखने और खुद अनुभव लेनेके लिए लोगोंका तांता लग गया था. हॉलमें बहुत भिड जमा हो गई. हिप्नोटीस्टने अब स्टेजपर खडे होकर हिप्नोटीझमका शो शुरु किया. उसने अपने जेबसे एक चेन लगाई हूई घडी निकाली और वह घडी पेंडूलमकी तरह हिलाकर लोगोंको कहा, '' अब तुम लोग इस घडीकी तरफ देखो ''
जैसे जैसे धडी दाई तरफसे बाई तरफ हिलती लोगोंके आखोंकी पुतलीयां भी दाई तरफ से बाई तरफ हिलती. और थोडीही देरमें लोग अपने होश खोकर हिप्नोटाईझ हो गए. अब हिप्नोटीस्ट जैसा आदेश देता वैसे लोग आचरण करते. उसने 'नाचो' कहनेसे लोग नाचने लगते. 'तुम्हारे हाथमें सेब है और वह तुम खा रहे हो' कहनेसे वे लोग अपने हाथमेंका झूठमूठका सेब खाने लगते.
यह सब आदेश देते वक्त गडबडमें उस हिप्नोटीस्ट के हाथसे वह घडी निचे गिरकर टूट गई और हिप्नोटीस्टके मुंहसे निकल गया, '' शिट'
वह हॉल पुरी तरह साफ करनेके लिए अगले पांच दिन लगे.
हा हा!!
ReplyDelete