एक अंधा बारमें पिकर टून्न होगया और टेबलपर जोर जोरसे थपथपाते हूए चिल्लाया, '' सरदारजीको जोक किसे सुनना है?''
उसके आसपास आठ-दस लोग जमा होगए.
उनमें जंता सिंग भी था वह अंधेके कानमें हलके आवाजमें मे कहने लगा,'' जोक बतानेके पहले कुछ बाते तुम्हे पता रहना जरुरी है''
'' कौनसी?'' अंधेने पुछा.
'' की इस बारका मालिक और उसके दो नौकर सरदार है, और मै भी सरदार हूं, मेरे दाई ओर खडा पौने छे फिट उंचा, डेडसौ किलो जिसका वजन है वह ग्राहकभी सरदार है, इतनाही नही मेरे बाई ओर खडा साडे छे फिट उंचा, दो सौ किलो वजनवाला बॉडीबिल्डर पहलवानभी सरदारही है... मतलब हममेंसे यहां खडे लगभग छे लोग सरदार है... अब तुम तय करो की फिरभी तुम सरदारजीका जोक बताने वाले हो क्या ?''
वह अंधा आदमी बोला, '' मुझे लगता है वही जोक छे छे बार एक्सप्लेन करनेके बजाय ना बतानाही अच्छा है''
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