एक सरदारजीका अपने बिवीपर शक था. गुस्सेसे उसने एक बंदूकके दूकानसे बंदूक खरीद ली.
और अचानक बिना बताए अपने घर पहूंचा. देखा तो उसके अनुमानके अनुसार उसकी बिवी किसी ओरके साथ रंगरलीयां मना रही थी.
यह सब नजारा देखकर सरदारजीका गुस्सा सातवे आसमानपर पहूंचा. उसने वह नई नई खरीदी हूई बंदूक सामने अपने बिवीपर तानी. फिर दुखसे विव्हल होकर इरादा बदलते हूए उसने वह बंदूक अपने कनपटीपर लगाई.
वह ट्रीगर दबानेही वाला था की उसकी बिवी चिल्ला उठी, '' नही ..पतिदेव ...ऐसा मत करो''
'' चूप रहो ... अगला नंबर तुम्हारा है '' सरदारजी चिल्लाया.
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हाहाहा ! बहुत बढ़िया ! सरदार जी की जगह एक व्यक्ति या फिर एक नाम गढ़ लीजिये ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती